कुछ यूं उदास थी। जिंदगी मेरी
कि कोई मुझे हंसा ना सका
घाव ही इतने गहरे थे। मेरे
कि मेरे जख्मों पर कोई मरहम लगा ना सका
कुछ नाता ही ऐसा था। मेरा जख्मों के साथ
कि मैं जहां भी जाता था। मेरा जख्म
मेरे साथ जाता था।
मैं बड़ा परेशान हुआ।
ना जाने कितनी बार जीवन में हताश हुआ।
जगह जगह पल पल ठोकर खाई मैंने
कभी-कभी तो भूखे ही रात बिताई। मैंने
जब कोई ना मेरे साथ हुआ। तो
हारे के सहारे को मैंने पुकारा
मोर मुकुट बंसी वाले को दिल से बारंबार पुकारा
हो जा आज सहाई मेरे कृष्ण कन्हाई
बड़ी विकट है। विपदा आई
तन ग्रसित है। मन ग्रसित है।
जीवन मेरा हो गया है। बड़ा ही दुखदाई
अब तो कृपा करो । मेरे कृष्ण कन्हाई
बाबा श्याम तुम ही कहलाते
खाटू धाम में आप ही विराजे
आपका डंका हर घर में बाजे
आपकी पूजा हर घर में होवे
जो भी प्राणी हार के आवे
उसके साथी आप कहाते
हारे के सहारे आप बन जाते
तीन बाण धारी श्याम जी मेरी भी अर्ज सुन लीजे
कष्टों से भरा है । जीवन
मंझधार में अटकी है। मेरी नैया
कुछ समझ नहीं अब आता है।
अब तू ही सहारा है। मेरा
अब तो मेरा मन बस श्याम श्याम गाता है।
तेरा आसरा जो मिल जाता श्याम बाबा
तो फिर मेरा मन नहीं घबराता
क्योंकि तेरा नाम लेने से सब संकट टल जाता है।
रोग दुख दारिद्रय पल भर में मिट जाता है।
सब संभव हो जाता है।
मन नहीं घबराता है।
जीवन खुशहाल और समृद्ध हो जाता है।
बाबा श्याम जी जो तेरा नाम सच्चे हृदय से लेता है।
वो जन्म मरण के चक्कर से मुक्त होकर परम पद को पाता है।
बाबा श्याम जो तेरे दर पर अर्जी लगाता है।
वो अपना जीवन धन्य कर जाता है।
एक बार सारे श्याम प्रेमी, प्रेम से बोलिए
ओम श्री श्याम देवाय नमः
ओम श्री श्याम देवाय नमः
ओम श्री श्याम देवाय नमः
ओम श्री श्याम देवाय नमः
श्री श्याम के दीवाने की , श्याम प्रेमियों से एक अर्ज है। कि
कमेंट में ओम श्री श्याम देवाय नम: अवश्य लिखें और बाबा श्याम का आशीर्वाद प्राप्त करे।
श्याम प्रेमी ajay kumar
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